भोपाल21 अगस्त,(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)।भारत ने कभी किसी देश की जमीन हड़पने का प्रयास नहीं किया। इसके बावजूद चीन और पाकिस्तान जिस तरह की चालें चल रहे हैं उन्हें पता ही नहीं चल रहा कि उनकी जमीन कैसे खिसक रही है। पाकिस्तान ने यदि भारत से द्वेष बंद नहीं किया तो निकट भविष्य में वह अपना मौजूदा अस्तित्व ही गंवा देगा। इसी तरह चीन समुद्र की ओर बढ़ने की ललक में दुनिया से टकराव की नीति पर चल रहा है। दक्षिणी सागर में तेरह देश मिलकर चीन की लूट रोकने के लिए जुट गए हैं। उसके सभी पड़ौसी देशों से संबंध खराब हैं और वह बिखरने की कगार तक पहुंच गया है। हिंद बलोच फोरम के आव्हान पर आज भोपाल में एकत्रित जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने ये बातें कहीं।
हिंद बलोच फोरम पाकिस्तान में बेहतर जीवन की लड़ाई लड़ रहे बलोचिस्तान के नागरिकों के हित में आवाज बुलंद कर रहा है। इस संगठन का उद्देश्य देश विदेश में बलोचिस्तान के नागरिकों के मानवाधिकारों के हनन की आवाज बुलंद करना है।……. जम्मू कश्मीर और बलोचिस्तान में पाकिस्तान का बर्बर चेहरा….. विषय पर आयोजित इस सेमिनार में देश के कई जाने माने विशेषज्ञों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इनमें हिंद बलोच फोरम के संयोजक स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती,हिंद बलोच फोरम के अध्यक्ष और जाने माने ज्योतिषाचार्य पवन सिन्हा (गुरुजी), राजनीतिक विश्लेषक और पाकिस्तान मामलों के जानकार पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ, हिंद बलोच फोरम के राष्ट्रीय सूत्रधार गोविंद शर्मा,रक्षा विशेषज्ञ कर्नल आरएसएन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए। फादर मरिया स्टीफेन और सभी धर्मगुरु भी इस अवसर पर उपस्थित थे।स्थानीय स्तर पर आयोजित इस कार्यक्रम के संयोजक गजेन्द्र सिंह चौहान, अश्विनी, अजय ठाकुर एवं कई अन्य युवाओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सक्रिय सहयोग दिया। भारत और बलोचिस्तान की बहनों ने राखी बांधकर इस आयोजन को स्नेह सूत्र में पिरोया।
हिंदू मुस्लिम एकता के लिए बरसों से कार्य कर रहे संघ के स्वयंसेवक इंद्रेश कुमार ने कहा कि हम कभी पाकिस्तान,इस्लाम या मुसलमान के विरोधी नहीं रहे। पाकिस्तान हमारी इच्छा के विरुद्ध बनाया गया था। तत्कालीन नेताओं नेहरू और जिन्ना ने इसमें भले ही सहमति दी हो पर दोनों देशों के नागरिक इस बंटवारे से न तो तब सहमत थे और न आज। पाकिस्तान के मौजूदा शासक इसके बावजूद आज भारत से द्वेष पैदा कर रहे हैं और चीन से गलबहियां डाल रहे हैं। इसके कारण पाकिस्तान के लोगों में भय फैल गया है कि चीन कहीं भविष्य में हमें तिब्बत की तरह गड़प न कर जाए।
उन्होंने कहा कि लार्ड माऊंटबैटन के जिस कागज पर नेहरू और जिन्ना ने हस्ताक्षर किए थे वो आजादी का नहीं विभाजन का दस्तावेज था। इस विभाजन से दोनों देशों के तीन करोड़ लोग उजड़ गए, दस लाख लोगों का कत्लेआम हुआ, चार लाख बहनों ने आत्महत्या की या बलात्कार के बाद उनकी हत्या कर दी गई, छह लाख लोगों को धर्म परिवर्तन करना पड़ा। उन्होंने बताया कि आजादी के जश्न में बापू स्वयं मौजूद नहीं थे। एक भी दस्तावेज या वीडियो नहीं है जिसमें उन्होंने आजादी का संदेश दिया हो। उन्होंने इस अवसर पर झंडा भी नहीं फहराया। वे तो चाहते थे कि स्वाधीनता आंदोलन के दौरान कांग्रेस के बैनर पर देश के लोगों को एकजुट किया गया था। इसलिए इसे राजनीतिक दल का स्वरूप न दिया जाए। इसके बावजूद चंद स्वार्थी लोगों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए स्वाधीनता संग्राम की याद दिला दिलाकर देश को लूटा। आज कांग्रेस के नेताओं से पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने स्वाधीनता संग्राम में कब भागीदारी की जो सेनानियों के नाम पर आज तक देश का दोहन कर रहे हैं।
श्री इंद्रेश कुमार ने कहा कि जो लोग देश के अन्य राज्यों से पाकिस्तान पहुंचे थे वे आज मुहाजिर कहे जाते हैं। पाकिस्तान के लोगों ने कानून बनाकर उन्हें शरणार्थी का दर्जा दिया और वे आज भी पाकिस्तान के नागरिक नहीं बन सके हैं। आज वे कह रहे हैं कि अपने बुजुर्गों की गलती के लिए वे भारत से क्षमा चाहते हैं। भारत अपने प्रभाव का उपयोग करके उन्हें या तो पाकिस्तान का नागरिक बनवाए या हमें भारत में वापस शामिल कर ले। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सिंध, गिलगित, बाल्टिस्तान के लोगों ने कभी पाकिस्तान नहीं मांगा था। बलूचिस्तान और सिंध के लोगों ने तो बाकायदा दिल्ली आकर पंडित नेहरू से ये विभाजन रोकने का अनुरोध किया था पर वे नहीं माने। पाकिस्तान की फौजें उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए दो लाख मुस्लिमों का कत्ल कर चुकी है। यही वजह है कि पाकिस्तान में नो मोर पाकिस्तान का नारा देने वाले सात संगठन अपनी आवाज उठा रहे हैं। पाकिस्तान नफरत के मार्ग पर चल रहा है इसलिए वह विकास की दौड़ में पिछड़ता जा रहा है।
कश्मीर की मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष व लोक सभा सांसद फारूख अब्दुला के बयानों के बारे में इंद्रेश कुमार ने कहा कि एक बार अनुच्छेद 35 ए को हटाकर जरूर देख लिया जाना चाहिए कि इसका क्या असर होता है। हो सकता है इसी से कोई रास्ता निकल आए। मेहबूबा मुफ्ती के बयान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि तिरंगे की मौत नहीं हो सकती इसलिए इसका जनाजा भी नहीं निकल सकता। इसलिए इस तरह की बातें फिजूल हैं। उन्होंने युवाओं से आव्हान किया कि वे कश्मीर में जमीन खरीदने और बसने के लिए तैयार रहें।
उन्होंने कहा कि भारत का हिंदू कभी मुसलमान के खिलाफ नहीं रहा। जब बाबरी ढांचे को ढहाने देश भर से स्वयंसेवक अयोध्या पहुंच रहे थे तो उन्होंने किसी दूसरी मस्जिद को हाथ भी नहीं लगाया। किसी भी मुसलमान को चांटा भी नहीं मारा। इस सच्चाई के बावजूद यदि कोई हिंदू को मुसलमानों का दुश्मन बताए तो ये उसके शैतानी दिमाग की उपज ही हो सकती है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान के बारे में उन्होंने कहा कि देश भर में कश्मीर के लाखों छात्र विभिन्न राज्यों में पढ़ते हैं कहीं भी उनसे वैमनस्य नहीं रखा जाता है। इसके बावजूद यदि कोई कहता है कि भारत का मुसलमान डरा हुआ है तो वह जिस देश को सुरक्षित समझता है वहां चला जाए। किसी को भारत का माहौल खराब करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
श्री इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत की कूटनीतिक सफलता ही तो है कि आज दुनिया का एक भी देश चीन का मित्र नहीं है। पाकिस्तान भी पूरी दुनिया से अलग थलग पड़ गया है पर दुनिया के तमाम देश भारत के मित्र हैं। हम कन्फ्यूशियस वाले चीन के पक्षधर हैं, कम्युनिस्ट चीन के नहीं। डोकलाम में हमने अपनी अतिरिक्त सेना तैनात की है। हम युद्ध नहीं चाहते वार्ता से टकराव टालने का प्रयास कर रहे हैं। चीन यदि टकराव का रास्ता अपनाएगा तो इस नकारात्मक सोच के चलते वह बिखर भी जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान को सन्मार्ग पर लाने के लिए देश के लोगों को आगे आना होगा। भारत ने चीन को कच्चे माल की सप्लाई बंद कर दी है। हम लोगों से ये भी अपील कर रहे हैं कि तीज त्योहार से लेकर रोज की पूजा तक में इस्तेमाल होने वाले चीन के माल का उपयोग बंद कर दें।उन्होंने लोगों को चीन और पाकिस्तान की विस्तारवादी सोच से उपजे आतंकवाद से मुक्ति के लिए प्रार्थना करने का अनुरोध किया।
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