सागर/8 मार्च/ आर.एस.एस, विहिप संत-समाज सहित हिन्दुवादी संगठनों की प्रेरणा और सहयोग से बहुसंख्यक हिन्दुओं के वोटों के सहारे प्रचण्ड बहुमत पाकर केन्द्र में सरकार बनाने वाली भाजपा अब अपनी घोषित राष्ट्रवादी-हिन्दुत्व की नीतियों के विपरीत जाकर कांग्रेस की ही नीतियों को स्वीकार करने में ज्यादा रूचि दिखा रही है। यह कांग्रेस को देश की सत्ता से उखाड़ फेंकने में सहयोग करने वाली जनता के साथ धोखा है।
यह बात आज पत्रकारवार्ता में राजनैतिक पार्टी जन-न्याय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट बृजबिहारी चैरसिया ने कही। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व के मुद्दों को सिर्फ अपने स्वार्थो की पूर्ति के लिये इस्तेमाल करने वाली भाजपा को अब संघ की नीतियों को स्वीकार करने से परहेज करना मंहगा पड़ेगा। उन्होंने कांग्रेस की नीतियों को अंगीकार करती जा रही भाजपा से सवाल किया है कि अब जनता के सामने यह स्पष्ट करें कि उसकी राष्ट्रवादी सोच देश के लिये आवश्यक है या कांग्रेस की नीतियां। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का आर.एस.एस. से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं है मगर संघ के हिन्दु सशक्तिकरण व एकजुट करने की वैचारिक-सोच को हम राष्ट्रीय आवश्यकता मानते हैं।
मंदिर निर्माण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि देश की जनता अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के नाम पर पिछले दो दशकों से ठगी जा रही है जिससे आस्थावान राम भक्त भारी सदमे में है। उन्होंने कहा कि गौ-हत्या पर कानूनी प्रतिबंध भी अब सिर्फ भाजपा का जुमला बनकर रह गया है। देश में प्रतिदिन हो रही लाखों गायों की हत्या को उन्होंने चिंताजनक बताया। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि अब तो गौ-रक्षा करने वाले गौ-सेवकों को ही भाजपा के नेता फर्जी बताने लगे हैं। पत्रकारों से उन्होंने कहा कि राम राज्य की कल्पना में अपराध, शोषण व मंहगाई और भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं होना चाहिये। लेकिन केन्द्र की भाजपाई सरकार की इन मुद्दों पर असफलता ने पौने तीन साल में ही देश की जनता को अंदर तक हिलाकर रख दिया है।
एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि सभी जानते है कि आर.एस.एस. का वैचारिक आंदोलन छल-कपट की राजनीति से दूर रहकर राष्ट्रवादी ताकतों को मजबूत करने और गरीबों- पिछड़ों से उनके कल्याण के लिये किये गये वायदों को पूरा करने में भरोसा रखता है। लेकिन इसके ठीक विपरीत भाजपा के नेता सत्ता में आने के बाद से ही जनता के कल्याण के स्थान पर अगली बार पुनः सत्ता में काबिज होने की जुगत में लग गये है। इसके लिये ये कांग्रेस की तरह ही अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की दिशा में जाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद के उद्देश्य से चुनाव जीती भाजपा का अब एक मात्र लक्ष्य सिर्फ चुनाव जीतना रह गया है। जिसके लिये अब वह विकास, मोदी की छवि, जातीय गणित और लुके-छिपे हिन्दूवाद की चार नावों पर सवार है।
उन्होंने राम भक्तों, गौर-रक्षकों, संत समाज और हिन्दुवादी संगठनों से अपील की है कि वे भाजपा पर दबाब बनाये जिससे गरीबों- पिछडों से किये वायदों को वह पूरा करे। उन्होंने कहा कि जनादेश का सम्मान करते हुये संसद में कानून बनाकर तत्काल राम मंदिर बनाने, गौ- हत्या रोकने कानून बनाने आदि का मार्ग प्रशस्त करे। नोटबंदी के सवाल पर चैरसिया ने कहा कि हमें देश की अर्थव्यवस्था पर इसके परिणामों के आकलन के लिये डेढ़ वर्ष का इंतजार करना चाहिये। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को अब कांग्रेस के समय हुये घोटालों की चुनावी राग अलाप बंद करके जनता को बताना चाहिये कि उसने किन-किन घोटालेबाजों को अब तक जेल भेजा है। विदेशी कालाधन देश में लाने के लिय क्या काम किया है। बेरोजगारों को कितने रोजगार दिलाये है।
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