कैथोलिक धर्मसभा में परिवार के महत्व पर चिंतन
भोपाल(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)। भारतीय कैथोलिक धर्माध्यक्षीय सभा(सी.सी.बी.आई)ने भोपाल में परिवार के महत्व पर सात दिवसीय चिंतन कार्यक्रम आयोजित किया है। इस धर्मसभा में टूटते परिवारों को संवारकर राष्ट्र के विकास के तरीकों पर चिंतन किया जाएगा। धर्मसभा का आयोजन मुंबई से पधारे सी.सी.बी.आई के अध्यक्ष ओस्वाल्ड कार्डीनल ग्रेसीयस के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
एशिया की सबसे बड़ी और विश्व की चौथी सबसे बड़ी धर्माध्यक्षीय महासभा में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भोपाल के आर्च बिशप लियो कार्नेलियो ने कहा कि हम अपने सेवा कार्यों से राष्ट्र सेवा करते हैं। केवल बयानबाजी पर हमारा कोई भरोसा नहीं। इस लिहाज से हम राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी में होने जा रहे इस आयोजन में हम परिवारों की सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार करने और परिवारों को टूटने से बचाने जैसे कई मुद्दों पर विचार करेंगे। हमारे 132 धर्म प्रांतों और 182 धर्माध्यक्षों की धर्मसभा इन सूत्रों पर अमल करके राष्ट्र को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता को सीसीबीआई के उपाध्यक्ष फिलीपे नेरी फेराव, महासचिव वर्गीज चक्कालाकल, उप महासचिव फादर इस्टीफन अलाटारा ने भी संबोधित किया।
श्री ओस्वाल्ड कार्डीनल ग्रेसीयस ने कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से हम परिवारों में प्यार और खुशी का विस्तार करके सामाजिक ढांचे को मजबूती प्रदान करने के फार्मूलों पर चर्चा करेंगे। इस आयोजन में देश भर में फैली हमारी संस्थाओं के कामकाज पर विमर्श किया जाएगा। इसके साथ साथ हम उन संस्थाओं के कारोबार का भी सिंहावलोकन करेंगे। उन्होंने कहा कि गोवा समेत जिन चर्चों को विमुद्रीकरण के बाद आयकर के नोटिस प्राप्त हुए हमने उन सभी का जवाब दे दिया है। हम भारतीय संविधान के कानूनी दायरे में रहकर अपना कार्य करते हैं और पूरी जवाबदारी के साथ वैधानिक संव्यवहार करते हैं।उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद अन्य कारोबारों की तरह सभी धार्मिक संस्थाओं को भी अपने खातों और मुद्राओं के नवीनीकरण की प्रक्रिया करनी पड़ी है। इसमें हम कोई अलग नहीं हैं।
धर्मांतरण के मुद्दे पर आर्चबिशप लियो कार्नेलियो ने कहा कि कोई भी किसी को जबरन अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। हम लोगों को जगाने और प्रेम से रहने का संदेश देते हैं।लोगों का धर्म परिवर्तन करना उनका मनोभाव है। ये केवल ईश्वर की कृपा से ही हो सकता है। हम देश में कम संख्या में हैं इसलिए हम पर आरोप लगा दिए जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि घर वापिसी जैसे कार्यक्रमों को क्या धर्मांतरण नहीं कहा जाएगा।
मध्यप्रदेश में ईसाई समाज के सामने क्या चुनौतियां हैं इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यहां के मुख्यमंत्री हों या सरकार कोई भी संवैधानिक दायरे में ही काम करते हैं। इनसे हमें कभी कोई परेशानी महसूस नहीं हुई। कुछ छुटपुट लोग यदा कदा हिंसा फैलाते रहते हैं जिनमें आमतौर पर न्याय नहीं हो पाता है।
परिवार वाद बनाम राष्ट्रवाद के बीच विरोधाभासों के सवाल पर आर्चबिशप ने कहा कि राष्ट्रवाद का विचार हम सभी पर समान रूप से लागू होता है। हम अपने कार्यों से राष्ट्र की सेवा करते हैं, नारा लगाकर थोथी राष्ट्रभक्ति करना हमारा स्वभाव नहीं है। हम देश के प्रति पूरी बफादारी रखते हैं और देश को मजबूत बनाने के अपने लक्ष्यों पर पूरी ईमानदारी के साथ अमल भी करते हैं।
प्रेस को जानकारी देते हुए कांन्फ्रेंस आफ कैथोलिक बिशप्स आफ इंडिया के भोपाल चैप्टर के मीडिया प्रभारी फादर मारिया स्टीफन ने बताया कि 29 वीं अखिल भारतीय कैथोलिक धर्माध्यक्षीय महासभा का आयोजन कल 31 जनवरी से 8 फरवरी 2017 तक किया जा रहा है। भोपाल धर्म प्रांत आशानिकेतन केम्पस स्थित पास्ट्रल सेंटर में इस आयोजन की मेजबानी करेगा। इस आयोजन का मूल एजेंडा परिवारों में प्रेम के आनंद को बढ़ाना है। हम देश भर में फैले अपने धर्म प्रांतों के माध्यम से आम नागरिकों के बीच प्रेम का जो ताना बाना बुन सकते हैं उन तरीकों पर चर्चा करके हम अपनी कार्यप्रणाली में कसावट लाने का प्रयास करेंगे।
महासभा की शुरुआत यूखारिस्तीय पूजन विधि समारोह के साथ होगी। उद्घाटन सभा की अध्यक्षता भारतीय कैथोलिक धर्माध्यक्षीय महासभा एवं एशियाई कैथोलिक धर्माध्यक्षीय महासभा के अध्यक्ष एवं मुंबई के महाधर्माध्यक्ष ओस्वाल्ड कार्डिनल ग्रेशियस करेंगे।
इस आयोजन में सीसीबीआई के नए पदाधिकारियों का चुनाव भी किया जाएगा। बैठक में भारतीय कलीसिया की वर्तमान स्थिति पर भी विचार विमर्श किया जाएगा।
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