पशु भूखे हैं भोजन बचाओःविद्यासागर जी

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अनाज बचाओ ताकि मूक पशुओं को भी साफ भोजन मिलेःआचार्य विद्यासागर जी

भोपाल(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)। विख्यात संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने कहा है कि देश में कृषि उत्पादों के संधारण की चाक चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। आपात स्थितियों के लिए देश में इतना खाद्यान्न मौजूद होना चाहिए कि इंसान तो क्या जानवरों को भी साफ भोजन की कमी न हो। आचार्य श्री से भेंट करने पहुंचे कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन से उन्होंने कहा कि देश का विकास तेजी से हो रहा है पर कीटनाशक रहित साफ खाद्यान की कमी होती जा रही है। मूक पशुओं को पेट भरने के लिए कचरा खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सरकार को बहुत सावधानी से व्यवस्था में सुधार की कमान संभालनी होगी।

आचार्यश्री से भेंट के बाद चर्चा में कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि खाद्यान्न के प्रसंस्करण और परिरक्षण के संदर्भ में ये बात सही है कि भंडारण की उचित व्यवस्था न होने के कारण हमारे खाद्यान्न का बहुत सारा हिस्सा बर्बाद हो जाता है। उन्होंने कहा कि हमने आचार्यश्री को आश्वस्त किया कि सरकार इस दिशा में काम कर रही है। सरकार इसके लिए नए भंडारगृह बनाने और भंडारण की तकनीक के प्रशिक्षण पर भी खासा जोर दे रही है।

श्री बिसेन ने बताया कि आचार्य श्री ने कृषि मंत्री के नाते उनसे कहा कि हम लोग अपने भोजन को तो साफ सुथरा रखने का प्रयास करते हैं पर पशुओं को कचरा खाने के लिए भी दर दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं। उन्होंने कहा कि वे सड़कों पर आए दिन पशुओं को भोजन के अभाव में भटकता देखते हैं । ये स्थिति गौ पालन से सुधारी जा सकती है। आखिर क्यों हमारे पशुधन को भोजन के लिए भटकना पड़े। यदि हम केवल भोजन की बर्बादी रोक सकें तो पशुओं को बगैर किसी अतिरिक्त खर्च के पेट भरने लायक भोजन दिया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि आचार्यश्री ने उन्हें गौवंश के पालन और उनके स्वास्थ्य की देखभाल से होने वाले सामाजिक फायदों के बारे में जन चेतना जगाने की सलाह दी। आचार्य़श्री का कहना था कि गौवंश की देखभाल सुधारने का माहौल बनाकर बड़ी हद तक कुपोषण से निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा कि पशुओं को पौष्टिक आहार मिलेगा तो समाज के लिए मिलने वाला पौष्टिक दूध बड़ी आबादी का कुपोषण स्वमेव दूर कर देगा। उन्होंने कहा कि आज भी बड़ी आबादी पौष्टिक भोजन से वंचित है। सरकार कृषि और पशुपालन की व्यवस्था सुधारने पर जोर देगी तो प्रदेश और देश की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में हम बहुत कम खर्च में ज्यादा उपलब्धियां हासिल कर सकेंगे।

श्री बिसेन ने कहा कि आचार्य़श्री की भावनाओं पर गौर करते हुए हम जैविक खेती और खाद्य प्रसंस्करण के कार्यक्रमों को नई ऊर्जा से चलाने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार का प्रयास रहेगा कि कृषि उत्पादों से किसान की माली हालत तो सुधरे ही साथ में उसकी मेहनत से उपजाया गया खाद्यान्न जरूरतमंदों के हाथों में पहुंचे। उन्होंने कहा कि आचार्यश्री ने उनसे कहा कि हम तो अपने मिलने जुलने वालों से हमेशा कहते हैं कि जूठन के रूप में खाद्यान्न की बर्बादी नहीं होनी चाहिए। यदि हम अपने बच्चों को पौष्टिक भोजन नहीं दिला पाएंगे तो हमारे देश की नई पीढ़ी वांछित सफलताएं कैसे अर्जित कर पाएगी। श्री बिसेन ने कहा कि मैं अपने भाषणों में आचार्यश्री के इस मार्गदर्शन का उल्लेख हमेशा करूंगा और लोगों से खाद्यान्न की बर्बादी रोकने की अपील करूंगा।

कृषि मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि हालिया ओलंपिक खेलों में भारत के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखकर एक बार फिर पौष्टिक भोजन युवाओं तक पहुंचाने की ओर देश का ध्यान गया है। इसे देखते हुए सरकार ने जनता की जरूरत के मुताबिक खाद्यान्न पैदा करने का कैलेण्डर बनाया है। इसके अनुसार किसानों को उनके खेत की मिट्टी और मौसम के मुताबिक खाद्यान्न उत्पादन की सलाह दी जा रही है।

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