संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाएं – जन न्याय दल

सागर,8 जनवरी(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)। जन न्याय दल ने राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि सर्वधर्म समभाव स्थापित करने के लिए संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द हटाने के निर्देश दें। ये शब्द पूर्व वर्ती कांग्रेस सरकार ने 42 वें संविधान संशोधन के माध्यम से जोड़े थे। ज्ञापन में कहा गया है कि इन शब्दों के मनमाने अर्थ निकालकर कांग्रेस ने सेक्युलरिज्म के नाम पर मुस्लिम वोट कबाड़ने के लिए तुष्टिकरण की नीति अपनाई थी। इसके साथ साथ भाजपा ने भी प्रतिक्रिया स्वरूप हिंदू वोट कबाड़े। ज्ञापन की प्रतियां सभी सांसदों को भी भेजी गईं हैं।

सागर में आयोजित पत्रकार वार्ता में जन-न्याय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट बृजबिहारी चैरसिया ने कहा कि इन शब्दों के कारण देश की समरसता दूषित हो रही है। उन्होंने कहा कि आर.एस.एस. की हिन्दुत्व व राष्ट्रवादी वैचारिक सोच देश की एकता और अखण्डता के लिए मील का पत्थर है। एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि आर.एस.एस. ने जो जन संवाद किया उसके कारण ही आज कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति त्यागकर हिन्दुत्व की राह पर चलने को मजबूर हुई है। उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट से रिटायर्ड जस्टिस के.टी. थॉमस के उस बयान का स्वागत करती है जिसमें उन्होंने कहा है कि संविधान और सेनाओं के बाद आर.एस.एस. ने भारत के लोगों को सुरक्षित रखा।

उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भले ही वह आर.एस.एस. के वैचारिक सोच का राजनैतिक मुखौटा बनकर सत्तासीन हो गई है मगर अब उस सोच के विपरीत वह कांग्रेस की कार्बन कापी बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि राममंदिर, गौरक्षा कानून, समान नागरिक संहिता, धारा 370, स्वदेशी जैसे मूलभूत मुद्दों पर भाजपा की कथनी और करनी अब जनता के सामने उजागर हो चुकी है।

जातिवाद पर पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि जाति भारतीय समाज की सच्चाई है। उन्होंने राजनैतिक पार्टियों पर आरोप लगाया कि वे अपने राजनैतिक नफा-नुकसान के आधार पर जातिवाद को परिभाषित कर रहीं हैं। उन्होंने एस.सी.,एस.टी. और ओ.बी.सी. वर्गो के संवैधानिक गठन का आधार सिर्फ जाति को बताते हुये देश के संसाधनों व अवसरों के वितरण को इन्हीं वर्गो की जनसंख्या के आधार पर करने की वकालत की।

उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि शराब की बुराई को स्वीकार करने के बाद भी भाजपा प्रदेश में कानूनन शराबबंदी की दिशा में पहल न करके जन-अपराध कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे शराबबंदी ना कर पाने की अपनी लाचारी जनता के सामने रखें और कारण बतायें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जो नेता शराबबंदी की बात करते हैं उन्हें पहले अपनी पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर नीतिगत निर्णय करवाना चाहिए।

श्री चौरसिया ने कहा कि महिलाओं पर अत्याचार और कानून व्यवस्था के मामले में पिछले कुछ समय से मध्यप्रदेश में हालात काफी बिगड़े हैं। ऐसे में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने पुलिस जन-संवाद कार्यक्रम के माध्यम से अगले तीन महीनो में थाना स्तर पर जनता से जुड़ने का जो अभियान चलाया है वो एक बेहतर कदम साबित हो सकता है।

एक सवाल के जवाब में श्री चौरसिया ने कहा कि उनकी पार्टी मतदाताओं को वोट बैंक नहीं मानती इसलिए केवल ऊर्जावान प्रत्याशियों को ही चुनाव मैदान में उतारेगी। जातिगत तुष्टिकरण के चलते किसी भी मुसलमान को टिकिट नहीं देगी। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था। मुसलमानों के लिए पाकिस्तान बना था। इस लिहाज से यदि भारत का मुसलमान धर्म की बात करता है तो उसे पाकिस्तान जाना होगा। भारत के मुसलमानों ने धर्म के बजाए देश चुना था इसलिए उनके सामने धर्म को लेकर कोई दुविधा नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी वर्ष 2018 के प्रदेश विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेकर अपनी लोकतांत्रिक भूमिका का निर्वहन करेगी। पार्टी की कार्यसमिति ने शिवराज सिंह ठाकुर को प्रभारी बनाकर छत्तीस सदस्यीय प्रदेश चुनाव संचालन समिति गठित कर दी है। उन्होंने बताया कि पार्टी अपनी चुनावी तैयारी विधानसभावार कर रही है। उनकी पार्टी चुनाव प्रचार के साथ ही विधानसभावार संसद से कानून बनाकर राम मंदिर व गौ हत्या रोकने के कानून बनाने और मध्यप्रदेश में कानूनन शराबबंदी के लिये जनता को संकल्पित करेगी जिसके लिये पार्टी ‘‘संकल्प-अभियान’’ जारी करने जा रही है। पत्रकार वार्ता में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक सिंघई, इंजी.संदीप कोरी और अनूप चौकसे भी उपस्थित थे।

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