फसलों का रिकार्ड रखो तो ज्यादा मिलेगा बीमा दावा

पाँच वर्ष की औसत उत्पादकता और वास्तविक फसल उत्पादकता के अंतर पर बनता है बीमा दावा

भोपाल 20 सितंबर(सुरेश गुप्ता)।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत देश में सर्वाधिक 42 हजार किसानों को मध्यप्रदेश में बीमित किया गया है। इस योजना के अंतर्गत खरीफ 2016 के बीमित दावों का भुगतान किया गया है। खरीफ 2016 में सीहोर जिले के 43 हजार 850 कृषकों को 55 करोड़ 50 लाख की दावा राशि स्वीकृत हुई है। देखा जाय तो जिले के एक किसान के मान से 12 हजार 657 रुपये बीमा दावे का औसत आता है। लेकिन पटवारी हल्का अनुसार क्षतिस्तर भिन्न-भिन्न होने से कहीं अधिक और कहीं कम बीमा राशि का भुगतान हुआ।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पिछले 5 वर्षों की औसत उत्पादकता (जो फसल कटाई प्रयोग से निकाली जाती है) में वास्तविक फसल उत्पादकता के अंतर पर बीमा दावा बनाया जाता है।

उदाहरण के लिये सीहोर जिले की रेहटी तहसील के पटवारी हल्का 44 में वास्तविक उपज तथा थ्रेश होल्ड उपज में फसल कटाई प्रयोगों में कमी मात्र 2 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर रही। इस वजह से बीमा दावा राशि अत्यन्त कम रही। दूसरी ओर जिन पटवारी हल्के में फसल कटाई प्रयोगों में थ्रेश होल्ड तथा वास्तविक फसल कटाई में अधिक अंतर रहा, वहाँ ज्यादा फसल बीमा राशि बनी।

उदाहरण के लिये इसी तहसील के पटवारी हल्का 42 में थ्रेश होल्ड उपज से वास्तविक उपज में अंतर फसल कटाई प्रयोगों में 319 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर रहा। इस कारण से इस पटवारी हल्के के ग्रामों में किसानों को फसल बीमा राशि अधिक मिली।

सीहोर जिले में कृषकों को सोयाबीन फसल में अधिक नुकसान होने से अधिक राशि प्राप्त हुई है जैसे – कृषक श्री दशरथ सिंह पटवारी हल्का नं. 41 ग्राम अवंतिपुरा को बीमा दावा राशि 1,81,345 रुपये प्राप्त हुए हैं। इसी प्रकार कृषक श्री मनोहर सिंह पटवारी हल्का नं. 42 ग्राम महोड़िया को राशि 1,21,949 रुपये, कृषक श्री अशोक कुमार गुप्ता पटवारी हल्का नं. 42 ग्राम महोडिया को 1,40,752 रुपये, कृषक सिद्धनाथ सिंह पटवारी हल्का नं. 47 ग्राम संग्रामपुर को 97 हजार 480 रुपये, कृषक श्री भरतसिंह गेहलोत पटवारी हल्का नं. 52 ग्राम संग्रामपुर को 94 हजार 697 रुपये, कृषक श्री शेरसिंह पटवारी हल्का नं. 35 ग्राम तकीपुर को 85 हजार 732 रुपये, कृषक श्री पर्वतसिंह पटवारी हल्का नं. 64 ग्राम धबोटी को 76 हजार 636 रुपये, कृषक श्री नरसिंह पटवारी हल्का नं. 68 ग्राम बड़नगर को 84 हजार 882 रुपये और कृषक श्री हरिचरण पटवारी हल्का नं. 07 ग्राम सेमरादांगी को 66 हजार 539 रुपये प्राप्त हुए हैं।

इस प्रकार यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रावधानों के अनुसार पिछले 5 सालों में फसल कटाई प्रयोगों के मान से वास्तविक उपज के अंतर के अनुसार बीमा राशि का भुगतान होता है। कटाई अंतर कम होने पर बीमा राशि कम प्राप्त होती है और वास्तविक उपज का अंतर ज्यादा होता है तो दावा राशि ज्यादा प्राप्त होती है। यह भी कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्षेत्र आधारित है। किसानवार योजना नहीं है।

किसान इस माह के अन्त तक फसल का बीमा करवायें

भोपाल, 23 सितम्बर(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)।

प्राकृतिक आपदा से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रारम्भ की है। इसमें किसानों को कम प्रीमियम देना पड़ता है। बीमा कंपनियों को रबी फसलों के प्रीमियम रेट का सिर्फ डेढ़ फीसदी एवं खरीफ फसल का 02 प्रतिशत किसान देंगे। बागवानी फसलों के मामले में किसानों को 05 प्रतिशत प्रीमियम देना होगा। बाकी प्रीमियम केन्द्र और राज्य की सरकारें देंगी। यह योजना 2016 से लागू की गई है। जिले के कृषकों से जिला प्रशासन द्वारा अपील की गई है कि अऋणी कृषक 30 सितम्बर तक निकट के बैंक से सम्पर्क कर अथवा जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से सम्पर्क कर अपनी रबी फसल का बीमा करवा सकते हैं।

ऋणी किसान हेतु स्वीकृत ऋण राशि एवं अऋणी किसान के प्रस्ताव बैंक में जमा कराने की तिथि 15 सितम्बर 2017 से 15 जनवरी 2018 निर्धारित है। बैंकों से बीमा कंपनी को घोषणा-पत्र भेजने की अन्तिम तिथि 28 फरवरी 2018 है। किसानों के खातों से काटे गये प्रीमियम को बीमा कंपनी को जमा करने की अन्तिम तिथि ऋणी कृषकों के लिये 15 फरवरी 2018 एवं अऋणी कृषकों के लिये 22 जनवरी 2018 है। बीमा योजना के तहत पैदावार के आंकड़े निर्धारित करने की अन्तिम तिथि 30 जून 2018 निर्धारित की गई है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सभी प्रकार की फसलों रबी, खरीफ, वाणिज्यिक और बागवानी को शामिल किया गया है। उपज नुकसान के आधार पर इस योजना में बिजली गिरने, तूफान, ओला पड़ने, चक्रवात, अंधड़, बवंडर, बाढ़, जलभराव, जमीन धंसने, सूखा, खराब मौसम, कीट एवं फसल को होने वाली बीमारियां आदि जोखिम से फसल को होने वाले नुकसान को शामिल कर एक ऐसा बीमा कवर दिया जाता है, जिसमें इनसे होने वाले सारे नुकसान से सुरक्षा प्रदान की जाती है।

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