शाकाहार बनाए बॉडी और बचाए मर्दानगी


-हैल्थ रिपोर्टर-
ज्यादातर शाकाहारी लोगों के दिमाग में इस तरह के विचार पनपते रहते हैं कि शाकाहार के चलते वह बॉडी नहीं बना पा रहे हैं। सबसे ज्यादा सवाल और शंकाएं रहती हैं प्रोटीन को लेकर। इस लेख में आपको अपनी जिज्ञासाओं के सभी समाधान मिल सकेंगे। ये कहना बंद कर दें कि शाकाहारी व्यक्ति कभी अच्छी बाडी नहीं बना सकता।शाकाहार में भी प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट और फैट के अच्छे स्रोत पाए जाते हैं। यदि हम उनका सही तरीके से इस्तेमाल करें तो शाकाहार को पचाना और उससे शरीर के मसल्स को मजबूती देना बड़ा सरल हो जाएगा। सबसे बड़ी बात तो ये कि शाकाहार पर आधारित शरीर बीमारियों से मुक्त रखता है और सही मायनों में मर्दानगी का पोषक होता है।

हमारे देश में शाकाहारियों के भोजन में प्रोटीन कम शामिल होता है। क्योंकि एक तो ये मंहगा है फिर हमारे ज्यादातर खाद्य पदार्थों में कार्बोहाईड्रेट और फैट पाए जाते हैं। इसलिए शाकाहारियों को सबसे पहले पचने लायक प्रोटीन शामिल करने पर जोर देना होता है।

शाकाहारी प्रोटीन – सोया टोफू, सोयाबीन के दाने, काला चना, काबुली चना, दूध, छाछ, योग हर्ट, पनीर, चीज़, मूंगफली, ओट्स, दालें, बादाम, दूध पाउडर, आइसक्रीम, प्रोटीन पाउडर, पास्ता, सोया मिल्क, प्रोटीन चॉकलेट।
इनके अलावा हमारे खाने में रोटी, चावल, मक्‍का, दलिया, केले, आलू, शकरकंद भी होता है तो हमारी कार्ब्स और फैट की जरूरत पूरी हो जाती है। खाने पीने की इन चीजों के उपयोग के तरीके और संयोग पर भी खासा ध्यान रखना होता है। यदि हम इन खाद्य पदार्थों में संयोग का गणित नहीं समझेंगे तो ये खाद्य हमारे शरीर में कई असंतुलन पैदा कर सकते हैं।

सबसे पहले हमें अपनी प्रोटीन की जरूरत का आकलन करना सीखना होगा। आपका वजन यदि 60 किलो है तो आपको 120 से लेकर 180 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होगी। अपने वजन के प्रतिकिलो पर दो से तीन ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। अब ये हिसाब लगाएं कि इतने प्रोटीन का इंतजाम कहां से होगा। हमें तय करना होगा कि हम कितना प्रोटीन कहां से प्राप्त करें। इसके लिए सबसे आसान स्रोत डबल टोंड दूध या छाछ होता है। हर दिन आप चार लीटर दूध और सूखे मेवे खाकर भी बाडी बना सकते हैं।

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उन्हें जिम जाने से पहले अपने प्रोटीन को बचाने का उपाय सीखना होगा।उनके शरीर को अपनी गतिविधियां चलाने के लिए सबसे पहले ईंधन की जरूरत होती है। ये ईंधन ऊर्जा यदि शरीर को फैट और कार्बोहाइड्रेट से नहीं मिले तो वह प्रोटीन को ईंधन की तरह इस्तेमाल करने लगेगी। इसलिए उसे ऐसा करने से रोकना होगा। प्रोटीन को बचाएं ताकि उसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल मसल्स बनाने में हो। इसके लिए जरूरी है बॉडी को भरपूर कैलोरी देना। इसके लिए दिन में कम से कम छह बार खाना खाएं। फल और ड्राई फ्रूट, ग्लूकोज या जूस और शहद को जरूर शामिल करें। रात के वक्त एक लीटर दूध जरूर पिएं ताकि बॉडी को मरम्मत के काम में आसानी हो। अगर दूध नहीं पी पाते तो फिर सोयाबीन या टोफू या पनीर या प्रोटीन पाउडर का इस्तेमाल करें।

शरीर में फैट इकट्ठा न हो सके इसलिए प्रोटीन के शाकाहारी स्रोतों में फैट घटाने वाले साधन भी अपनाना पड़ते हैं।क्योंकि प्रोटीन के जो शाकाहारी स्रोत हैं उनमें फैट भी अच्छा खासा होता है। जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए तो कुछ चिंता वाली बात नहीं मगर जो लोग ठोस बाडी के दीवाने हैं उन्हें सोचना पड़ेगा। इसके लिए आपको ग्रीन टी, कॉफी, हरी मिर्च, दालचीनी, लहसुन जैसे लीन बॉडी में मदद करने वाले फूड्स को भी साथ में रखना होगा। यही नहीं पेट की कसरत के लिए वक्त निकालना होगा और ठंडे पानी की बजाए ज्यादातर गर्म पानी पीना होगा। दूध भी गर्म पिएं, खासकर रात को। कलौंजी अथवा मंगरैल भी पेट कम करने में मदद करती है।कलौंजी का तेल भी लेकर शरीर में आवश्यक तत्वों की जरूरत पूरी की जा सकती है।

मछली के विकल्प के रूप में शाकाहार में भी कई चीजें उपलब्ध हैं। अलसी, अलसी का तेल और अखरोट में बहुत उम्दा किस्म का फैट होता है। मछली को प्रोटीन के अलावा ओमेगा थ्री फैटी एसिड के लिए जाना जाता है। मछली न खाने वालों के लिए अपने खाले में अलसी उर्फ फ्लैक्‍सीड और अखरोट को शामिल करना चाहिए। अलसी को शेक में डाल सकते हैं और अखरोट को कैसे भी खाएं। दो से तीन बड़े चम्मच अलसी और मुट्ठी भर अखरोट की गिरी।

मांसाहारी प्रोटीन के साथ केवल एक अच्छी बात ये है कि इसमें सभी आठ अमीनो एसिड मिलते हैं। शाकाहारी प्रोटीन में एक आध कम रह जाता है। लेकिन उसका भी उपाय है। दलिया में दाल और थोड़ी सब्जी मिला देंगे तो सारे अमीनो एसिड आ जाएंगे। सब्जियों और अनाज को आपस में मिलाएं। आपको पता है कि दाल व सोयाबीन में खूब प्रोटीन होता है मगर एक कटोरा दाल पीने की बजाए उसमें थोड़ा ओट्स और कोई सब्‍जी मिला लें। सोयाबीन के दानों के साथ साथ अंकुरित मूंग की दाल भी खाएं। कुल मिलाकर बात ये है कि दो अलग अलग परिवारों को साथ मिला लें।

अगर कोई कसम नहीं खाई है तो फूड सप्लीमेंट लेने से कभी न चूकें। एक सीमा के बाद बिना सप्लीमेंट बॉडी बिल्डिंग काफी टफ हो जाती है खासकर उनके लिए जिन्हें साइज और शेप दोनों चाहिए। ऐसे में प्रोटीन पाउडर मदद करता है। शाकाहारियों पर क्रेटीन और ग्लूटामिन भी काम करता है। आजकल अच्छी कंपनियों के प्रोटीन पाउडर में क्रेटीन, ग्‍लूटामिन और बीसीएए मिला आता है। प्रोटीन पाउडर चुनते वक्‍त चेक कर लें अगर ये तीनों चीजें हैं तो अच्‍छा रहेगा।कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां भी प्रोटीन की इस कमी की भरपाई कर देती हैं।

आलू, केला, योग हर्ट, ब्रोकली,पालक और गोभी के परिवार की अन्य सब्‍जियां भी शरीर की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलाने में मदद करती हैं। आलू और केले कसरत करने में मदद देंगे और प्रोटीन को खर्च होने से बचाएंगे। ये दोनों सब्जियां फाइबर के अलावा प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी और सी से भरी होती हैं। शतावरी का भी इस्तेमाल किया करें।

आमतौर पर ये सभी चीजें भोजन को समृद्ध बनाने के लिए काफी हैं। लेकिन इसके साथ ये भी जरूरी है कि इन चीजों को हम बदल बदलकर लें। यदि हम इन्हें एक साथ लेंगे तो फायदे के बजाए नुक्सान भी हो सकता है। इसलिए सूझबूझ से इन्हें आपस में बदलते रहना भी जरूरी है। फिर आपको दिन में कम से कम छह बार खाना है। एक ही बार में भरपेट भोजन करने से वह पूरी तरह पच नहीं पाता और शरीर में एसीडिटी बढ़ाने लगता है।

इस भोजन के साथ अपनी मानसिकता भी सकारात्मकता रखना सबसे जरूरी है। यदि आप खुद पर दया करेंगे तो इस भोजन का पूरा फायदा नहीं उठा पाएंगे। बहुत से शाकाहारी युवक न तो मेहनत अच्छी करते हैं न डाइट अच्‍छी लेते हैं और फिर आलसीपने का ठीकरा शाकाहार पर फोड़ देते हैं। डींगे हांकते हुए कहते फिरते हैं कि अगर हम मांसाहारी होते तो फलां को भी पटखनी मार देते।इस तरह की गप्पें मारना बंद कर दें क्योंकि कई दुबले पतले पहलवान अखाड़े में भारी पड़ जाते हैं जबकि कई मांसाहारी भी सुर्री बम साबित होते हैं। यदि किसी शाकाहारी की बॉडी नहीं बन पा रही है तो इसके लिए शाकाहार दोषी नहीं है। उसके भोजन के तरीके और एंजाईमों, प्रोटीनों, के संयोग से भी लाभ लिया जा सकता है। क्योंकि शाकाहार मानव शरीर के लिए ही बना है और वही उसे स्वस्थ रखता है।यदि संतुलित तरीके से भोजन लिया जाए और भरपूर पसीना बहाया जाए तो शरीर का वी शेप और सिक्स पैक एब्स भी आसानी से पाए जा सकते हैं।

सप्‍लीमेंट बनाने वाली कंपनियों के उत्पादों को सोयाबीन पाऊडर से कड़ी टक्कर मिलती है। यदि लोग सोयाबीन लेकर प्रोटीन प्राप्त कर लेंगे तो उनका माल कौन खरीदेगा। जाहिर है कि ये कंपनियां सोयाबीन की बदनामी करती फिरती हैं। उनका कहना है कि सोयाबीन में टेस्टेस्टेरोन नहीं होता है। यदि ये न हो तो आप दूसरी चीजों से इसकी कमी पूरी कर सकते हैं। पर इसका मतलब ये तो नहीं कि सोयाबीन खराब हो गया।

जो लोग सप्लीमेंट लिए बगैर लीन बॉडी चाहते हैं तो उन्हें इसके कई विकल्प भी मिल सकते हैं। वैसे तो प्रोटीन पाउडर लेने में कोई बुराई नहीं है। प्रोटीन के लिए आप चाहें नानवेज खाएं, या सप्लीमेंट और फैट लें तो ही आपका शरीर इस्पात बन सकता है। यदि आप इतनी शर्तें लगाएंगे तो फिर किसी कोच से अपने लायक डाईट फिक्स करवा लें।

कसरत से एक घंटा पहले तीन केले और एक गिलास दूध शहद मिलाकर या एक बड़ा उबला आलू, दही और धनिया के पत्‍तों के साथ लेना जरूरी है । कसरत से पंद्रह मिनट पहले एक गिलास पानी में तीन चम्‍मच ग्‍लूकोज या एक गिलास बिना छना मौसमी का जूस या एक कप ठंडे पानी में एक चम्‍मच कॉफी ली जा सकती है।

जबकि कसरत के बाद पहलवानों वाला शेक लिया जा सकता है। अपने नाश्ते में एक बड़ा कटोरा भर सोयाबीन (60 से 100 ग्राम) के भीगे हुए दाने टमाटर प्‍याज और लहसुन डालकर खायें। साथ में एक कप जूस या ग्‍लूकोज,या 50 से 80 ग्राम के आसपास मूंग की दाल पका लें और साथ में जरा सा सलाद भी लें।

दोपहर का खाना – डेढ़ सौ ग्राम पनीर, आधा गिलास जूस या ग्‍लूकोज, एक प्‍लेट चावल, जरा सा सलाद या चटनी ली जा सकती है।

शाम को – एक बड़ा कटोरा दलिया या ओट़स, जिसमें थोड़ी सब्‍जी या दाल भी पड़ी हो। ओट्स या दलिया पकाने के बाद उसमें दो चम्‍मच सरसों का तेल या ऑलिव ऑयल डाल लें। एक गिलास छाछ या मट्ठा लिया जा सकता है। मट्ठे के साथ 80 से 100 ग्राम मूंगफली के साथ में मक्‍का भी लें।

रात का खाना – आपकी मर्जी। बस खाने के बाद कम से कम दो से तीन सौ ग्राम आइसक्रीम ली जा सकती है। इसके विकल्प के रूप में रबड़ी भी ली जा सकती है।जबकि सोने से आधा घंटा पहले 1 से आधा लीटर गर्म दूध।ये डाइट चार्ट उन लोगों के लिए है जिन्‍हें वजन बढ़ाना है और थोड़े बहुत फैट से परहेज नहीं है।इसमें प्रोटीन पाउडर को शामिल नहीं किया है। अगर लेते हैं तो एक्‍सरसाइज के बाद और रात को दूध के साथ ले सकते हैं। मिल्‍क पाउडर भी ले सकते हैं।

ड्राई फ्रूट्स और फ्रूट्स चलते फिरते कभी भी लें। ग्रीन टी जब मन किया तब पी लें, मगर पिएं जरूर।
डाइट चार्ट में बदलाव करते रहें। कभी सोयाबीन बढ़ा दें, कभी दूध तो कभी पनीर। प्रोटीन के चार पांच स्रोत हैं उनको हमेशा ध्‍यान में रखें।साथ में भूख बढ़ाने वाली जड़ी बूटियां या टॉनिक भी लेना जरूरी है। क्योंकि यदि भोजन ठीक से न पचे तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी। इसके साथ आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि कम से कम दो बार पेट साफ हो।

डाइट चार्ट देखने में टेंशन देने वाला लग सकता है मगर जब प्रयास करेंगे तो सब आसानी से हो जाएगा। अपने हिसाब से कुछ चीजें आगे पीछे करने की आजादी सबके पास होती है। शाकाहारी लोग 4 लीटर दूध के स्‍पेशल प्लान के बूते बहुत अच्छी गेनिंग कर सकते हैं।

100 ग्राम में कितना प्रोटीन
दूध – 3-4 ग्राम, पनीर – 18, सोयाबीन – 36, काला चना – 15, बादाम – 21, पास्‍ता – 12, पीनट बटर – 25, दूध पाउडर – 26, टोफू – 12-40, ओट्स – 16, मूंगफली – 26, दालें – 20-25, छाछ/ मट्ठा – 3, काबुली चना – 19 ग्राम

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