जलने वाले भी देखें आसियान देशों की दोस्ती:अनुपम खेर

भोपाल,14 अगस्त(पीआईसीएमपीडॉटकॉम)। फिल्म अभिनेता अनुपम खेर का कहना है कि आसियान संगठन से जुड़े देश भारत की परस्परोपग्रहो जीवानाम वाली संस्कृति की मिसाल हैं। इन देशों के बीच पिछले हजार सालों से सह अस्तित्व का भाव रहा है। ये सभी देश आपस में मिलजुलकर आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं। इसके बावजूद कुछ देशों को भारत की प्रगति से ईर्ष्या होती है। वे आतंकवाद, युद्ध और दुष्प्रचार से अपना भी समय और संसाधन बर्बाद करते हैं और हमारी प्रगति की राह में भी रोड़े खड़े करते रहते हैं। इसके बावजूद भारत आगे बढ़ता रहेगा और अपने पड़ौसियों की प्रगति के लिए भी प्रयास करता रहेगा।

राजधानी में छह दिनों तक चलने वाले आसियान देशों के सम्मेलन में शामिल प्रतिभागियों से प्रेरक संवाद करने पहुंचे फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने आज समाज, देश और दुनिया के सभी मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के सामने अपने नागरिकों को अच्छी जिंदगी देने की चुनौतियां हैं। भारत लगातार इस लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार शौचालय जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने से लेकर देश को मंगल ग्रह तक की ऊंचाईयों पर पहुंचाने का प्रयास कर रही है। हिंदुस्तान और पड़ौस के देशों को भी इस अभियान में शरीक होना चाहिए और इस बेहतरीन माहौल का लाभ उठाना चाहिए। चीन और पाकिस्तान के रवैये पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इन देशों से जुड़ी विघटनकारी ताकतें भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहीं हैं। इन देशों के युवाओं को भी आसियान देशों के युवाओं की तरह करीब लाया जाए तो पड़ौसी मुल्कों के साझा प्रयास दुनिया को सफल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।

देश के लोगों को सत्तरवें स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि ये देश मुझसे आठ साल बड़ा है। इसे मैं अपना बड़ा भाई, पिता, मां और बहन सभी मानता हूं। इस देश ने मुझ जैसे आम परिवार में जन्म लिए व्यक्ति के लिए भरपूर सम्मान दिया है और मैं इसके प्रति आजीवन कृतज्ञ रहूंगा। पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के मुस्लिमों के बारे में दिए गए वक्तव्य के बारे में उन्होंने कहा कि इस देश में सभी जातियों के लोग बहुत प्रेम और सद्भाव से रहते हैं। इतने बड़े पद पर आसीन रहने वालों को हल्की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए। इससे देश के सद्भाव को ठेस पहुंचती है। देश को सभी जातियों के लोगों ने मिलजुलकर संवारा है और हमें इस देश के सभी नागरिकों पर गर्व है।

उत्तरप्रदेश में मदरसों में स्वाधीनता दिवस पर आयोजित समारोहों की वीडियोग्राफी कराए जाने के फरमान पर उन्होंने कहा कि इस तरह का दबाव किसी पर नहीं है। यदि कोई झंडा नहीं फहराएगा तो क्या उसे दंडित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमें स्वाधीनता की वर्षगांठ पर गर्व है और इसके बारे में सभी को अपने अपने तरीकों से अभिव्यक्ति करने की आजादी भी है। सबके प्रेम करने का ढंग अलग अलग होता है। ये नहीं कहा जा सकता कि अमुक व्यक्ति के प्रेम करने का ढंग सबसे अच्छा है या बुरा है। हम सभी देश से प्रेम करते हैं इसलिए स्वाधीनता दिवस भी हम उत्साह से मनाते हैं।

कश्मीर में धारा 370 और अनुच्छेद 35 ए पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ चंद लोग ये तय नहीं कर सकते कि उन्हें कोई विशेष अधिकार मिलें। पूरे देश में धारा 370 हटाने पर सहमति है। कश्मीर से विस्थापित पंडितों को दुबारा वहां बसाने को लेकर भी लोग एकमत हैं। वक्त बदल गया है इसलिए संविधान की धारा 370 को हटा दिया जाना चाहिए। जिससे कश्मीर और देश के अन्य राज्यों के बीच बराबरी के संबंध बन सकेंगे।

फिल्म सेंसर बोर्ड में लेखक प्रसून जोशी की नियुक्ति पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे जाने माने लेखक हैं। वे विचारों के प्रवाह को और उनके महत्व को अच्छी तरह समझते हैं। फिल्म सेंसर बोर्ड में उनकी नियुक्ति निश्चित रूप से भारतीय फिल्मों को ज्यादा सफल बनाने में सहयोगी साबित होगी। निवृत्तमान फिल्म सेंसर बोर्ड के निदेशक पहलाज निहलानी के बारे में उन्होंने कहा कि उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था। इसी तरह मैं भी कभी फिल्म सेंसर बोर्ड में रहा हूं ।

टायलेट एक प्रेमकथा फिल्म के बारे में उन्होंने कहा कि इस फिल्म की कहानी बरसों से हमारे बीच थी। बालीवुड की प्रचलित कहानियों से हटकर कोई भी इस फिल्म को बनाने का जोखिम लेने तैयार नहीं था। इस फिल्म की कहानी जन जन से जुड़ी है और जनता इस फिल्म से अपना जुड़ाव महसूस करेगी। अक्षय कुमार और फिल्म के सभी बड़े बड़े कलाकारों ने पूरी तन्मयता से इस फिल्म का निर्माण किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह परंपराओं से हटकर पहली बार लाल किले से देश की शौचालय समस्या का उल्लेख किया था उसे पूरे देश ने गंभीरता से सुना। इसी तरह ये फिल्म भी देश से बेहतर संवाद का माध्यम बनेगी।

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