चीन से विवाद में कांग्रेसी दलालों की भूमिका

डोकलाम विवाद: भारत ने नहीं हटाई सेना तो दो हफ्तों में हमला कर सकता है चीन- ग्लोबल टाइम्स

नईदिल्ली। चीनी मीडिया लगातार भारत और खासतौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना करके हमले की चेतावनी दे रहा है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीनी सैन्य विशेषज्ञों के हवाले से लिखा है कि अगर नरेन्द्र मोदी सरकार का इस मुद्दे पर अड़ियल रवैया कायम रहता है तो जंग होना तय है। चीन के सैन्य विशेषज्ञों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी दो हफ्तों के अंदर डोकलाम में भारतीय सेना पर सीमित कार्रवाई कर सकती है।

शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइसेंज के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में रिसर्च फेल हु ज़ियोंग ने कहा, ‘पिछले दो दिनों में चीन की ओर से की गई टिप्पणियां दिखाती हैं कि चीन भारतीय सेना को विवादित क्षेत्र में लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करेगा।’ ग्लोबल टाइम्स ने हु जियोंग के हवाले से लिखा है कि चीन की सैन्य कार्रवाई का मकसद डोकलाम में मौजूद भारतीय सैनिकों को कैद करना या फिर उन्हें पीछे धकेलना शामिल होगा, साथ ही चीन का विदेश मंत्रालय ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले भारत के विदेश मंत्रालय को अपने फैसले की सूचना देगा।’

चीन के विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, भारत में चीन के दूतावास और पीपुल्स डेली की ओर से भारत को धमकी दी जा चुकी है कि भारत डोकलाम से अपनी सेना हटाए। बता दें कि डोकलाम में पिछले दो महीनों से भारत चीन की सेना आमने-सामने है। चीन के सरकारी टीवी ने शुक्रवार को बताया कि चीन की सेना ने तिब्बत मिलिट्री क्षेत्र में युद्धाभ्यास किया है, ये युद्धाभ्यास सुबह 4 से शुरू हुआ था और इसमें दुश्मन के ठिकानों पर कब्जे का अभ्यास किया गया था।

शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में सेन्टर फॉर एशिया-पैसिफिक स्टडीज के निदेशक जाओ गेनचेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीनी सेना का ये अभ्यास दिखाता है कि डोकलाम में चीन सैन्य संसाधनों का इस्तेमाल कर सकता है और ऐसा करने की संभावनाएं बढ़ती जा रही है क्योंकि भारत कह कुछ रहा है और कर कुछ रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को संसद में बयान दिया था कि युद्ध से समस्या का समाधान नहीं हो सकता है इसके लिए बात चीत और बौद्धिक विमर्श की जरूरत है। हालांकि सुषमा स्वराज ने ये भी कहा था कि भारत की सेना किसी भी स्थिति का सामना करने को तैयार है।

डोकलाम में सड़क बना रहे चीनी अमले को रोकने के लिए जबसे भारत की सेना ने हस्तक्षेप किया है तभी से ये विवाद गरमाया है। भारत में अपना कारोबार लगातार बढ़ाने के लिए चीन ने इन सड़कों का विस्तार किया है। सामरिक महत्व से भी चीन लगातार भारत को घेरने में लगा हुआ है। पड़ौसी मुल्कों से लगातार संबंध बिगाड़ने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने इस बीच चीनी दूतावास जाकर वहां के राजनयिकों से मुलाकात की थी। इस गोपनीय मुलाकात की जानकारी लीक हो गई और सत्तारूढ़ भाजपा के नेताओं ने राहुल गांधी के इस तरह गुपचुप मिलने पर सवाल उठाए थे। तभी से ये सवाल लगातार उठाए जा रहे हैं कि मौजूदा तनाव के पीछे कहीं कांग्रेस के रणनीतिकारों की तो भूमिका नहीं है। जनता की चुनी हुई सरकार के सामने लगातार लाचार नजर आती कांग्रेस जिस तरह देश के साथ षड़यंत्र करती रही है उसे देखकर तो शंकाएं उठना लाजिमी हैं। भारत सरकार को कांग्रेस से जुड़े दलालों और तस्करों की भूमिका की छानबीन भी करनी चाहिए जिससे इस विवाद का समाधान हो सके। (एजेंसियां)

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