सरकार असामाजिक तत्वों के हाथों में बोले कक्का शर्मा

मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन को कुचलने की तैयारी


भोपाल,(पीआईसीएमपीडॉटकॉम )। मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के हिंसक रूप अख्तियार कर लेने के बाद सरकार अब इस आंदोलन को कुचलने की तैयारी कर रही है। अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ के हड़ताल वापस लेने के ऐलान के बावजूद जब कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन जारी रहे तब सरकार ने आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बनाया है। उधर देश के किसान आंदोलन में मध्यप्रदेश के किसानों की अगुआई करने वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने हड़ताल तोडने के सरकारी प्रयासों के खिलाफ नई जंग छेड़ दी है। जगह जगह गुपचुप समझौता करने वाले भारतीय किसान संघ के पुतले जलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में पत्रकार वार्ता बुलाई और कहा कि मैं किसी का नाम तो नहीं लेना चाहता पर यह आंदोलन कुछ असामाजिक तत्वों के हाथों में चला गया है। सरकार हालात पर नजर रखे हुए है और जल्दी ही सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। उधर इंदौर में पत्रकार वार्ता के बुलाकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने सरकार को आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री के आरोप के जवाब में संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने कहा कि सरकार ही असामाजिक तत्वों के हाथों में आ गई है इसलिए उसे किसान भी दुश्मन नजर आने लगे हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार किसानों की सभी वाजिब मांगों को मानने के लिए तैयार है। हम अन्नदाता के साथ हैं और उन्हें हरसंभव सहयोग दिलाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने अरहर की दाल के मूल्यों की गिरावट को देखकर समर्थन मूल्य पर दाल खरीदने का फैसला लिया है। प्याज की खरीदी जल्दी ही शुरु की जाएगी। उन्होंने कहा कि बार बार की इस समस्या से किसानों को निजात दिलाने के लिए हम जल्दी ही खेती के रकबे की जानकारी सार्वजनिक करेंगे। किसानों को सलाह दी जाएगी कि यदि उन्होंने मांग के अनुरूप फसलें न बोईं तो उन्हें उपज का लागत मूल्य नहीं मिल पाएगा। श्री चौहान ने कहा कि भारतीय किसान संघ के आव्हान के बाद प्रदेश की मंडियों में अनाज, फल, सब्जी और दूध की आवक सुधरने लगी है।

उन्होंने कहा कि ये आंदोलन कुछ असामाजिक तत्वों ने हथिया लिया है। वे किसानों को उन काल्पनिक मांगों को लेकर गुमराह कर रहे हैं जिन्हें पूरा करना संभव नहीं हैं। कुछ असामाजिक तत्वों ने तोड़फोड़ करके पुलिस पर हमला करने का भी प्रयास किया है। एक पुलिस अधिकारी की तो आंख ही फूट गई है। उसे इलाज के लिए चेन्नई भेजा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार उपद्रवियों से सख्ती से निपटेगी।

राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष पं. शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी का कहना है कि सरकार अपने खुद के वायदे से मुकर रही है। सरकार के कुशासन के कारण ही आज किसान दुर्दशा के शिकार हैं और उनके सामने अपनी जीवन लीला समाप्त करने की स्थितियां बनती जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि मूल्य सूचकांक के आधार पर फसलों का मूल्य दिए जाने के बाद ही किसानों की स्थितियां सुधारी जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार केवल बड़े किसानों को देखकर फैसले कर रही है जबकि बड़ी संख्या में सीमांत और लघु किसान भी हैं जिनके हालात बदतर होते जा रहे हैं। सरकार किसानों की स्थितियां सुधारने की बातें तो बड़ी बड़ी करती है पर उसने कभी किसान को सक्षम बनाने का प्रयास नहीं किया है। पिछली सरकारों ने जिस तरह उद्योगपतियों के हित में फैसले लिए उसी तरह मौजूदा सरकार भी किसानों के नाम पर उद्योगपतियों और सूदखोरों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने सरकार के दमन चक्र के फैसले के जवाब में कहा कि किसान अपनी हड़ताल जारी रखेंगे ।

गौरतलब है कि भारतीय किसान संघ से अलग हुए इस नए संगठन में प्रमुख पदों पर मजदूरों को भी पदासीन किया गया है। आंदोलन में बढ़ चढ़कर भागीदारी न कर पाने के कारण किसान तो खामोश बैठने लगे हैं पर इस आंदोलन की कमान अब किसानों के बजाए मजदूरों ने संभाल ली है। जाहिर है इन खेतिहर मजदूरों में सरकार के दमनचक्र को झेलने की ताकत अधिक है।

Print Friendly, PDF & Email

1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*