बढ़े वेतन का असर बाजार पर भी: राकेश सिंह

rakesh singh sansad
भोपाल(पीआईसी). भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र के सह प्रभारी व सांसद श्री राकेश सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा को अक्षरशः अमल में लाकर सिर्फ कर्मचारियों का वेतन ही तय नहीं किया जटिलता वाले भत्तों का भी युक्तियुक्तकरण किया है। वेतन भत्तों में वृद्धि के साथ समानता एकरूपता लाने का पुरजोर प्रयास किया गया है। कर्मचारियों को दायित्व के प्रति सचेत किया गया है। इससे कर्मचारी वर्ग अपने दायित्व के प्रति प्रोत्साहित होगा। सातवें वेतन आयोग के अमल से देश की अर्थव्यवस्था उर्जित होगी।
उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर वेतनवृद्धि के बाद मंहगाई बढने की आशंका व्यक्त की जाती है, लेकिन इस बार यह वेतन वृद्धि अर्थव्यवस्था को उर्जित करने में सहायक होगी। पहले तो मानसून की माफिक बारिश से किसानों के चेहरे पर मुस्कान है। खेती बाडी में बरकत हुई है। खरीफ का रकबा बढा है। अच्छे उत्पादन की उम्मीदें बढी है। इससे महंगाई बढने की उम्मीदे नगण्य है। दूसरी बात यह है कि देश में दो वर्षो में हर क्षेत्र में उत्पादन बढा है और इस दौरान मांग कमजोर रही है, लेकिन सातवां वेतन आयोग जब बाजार पर असर डालेगा औद्योगिक क्षेत्र में अनुकूल प्रतिक्रिया बढती हुई मांग के रूप में परिलक्षित होगी। ड्यूरेबिल कन्यूमर गुडस, रीयल स्टेट का उठाव शुरू होगा। खेती में बरकत होगी। कर्मचारी वर्ग बचत योजनाओं की ओर भी आकर्षित होंगे।
श्री राकेश सिंह ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अमल से राज्यों पर भी बोझ बढेगा, लेकिन यह समझना आवश्यक है कि केन्द्र सरकार असल में राज्य सरकारों के प्रदर्शन का ही परिणाम होती है। वित्त आयोग केन्द्र राज्यों में संसाधनों के वितरण में समुचित व्यवस्था करता है। पिछले बजट की तुलना में राज्यों के आर्थिक स्त्रोत बढे है। प्रदेश को अब 32 के बजाए 42 प्रतिशत अंशदान मिलने जा रहा है।



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